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राम मंदिर पर 1800 करोड़ खर्च, 2000 करोड़ और लगेंगे:दिसंबर तक मुख्य मंदिर, अगले साल के आखिर में पूरा प्रोजेक्ट तैयार होगा

 

प्राण प्रतिष्ठा के बाद दो दिन में करीब 7.5 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए हैं। मंदिर का अभी पहले फेज का काम ही पूरा हुआ है, दूसरा फेज भी प्राण प्रतिष्ठा से अगले दिन 23 जनवरी से शुरू हो गया। राम मंदिर बनते वक्त बड़ी-बड़ी क्रेन और हैवी मशीनरी की फोटो सामने आती रही हैं।

दर्शन करने आ रहे लाखों लोगों की भीड़ संभालने के साथ दोबारा काम कैसे होगा, पूरा मंदिर कब तक तैयार होगा, इस पर कितने रुपए खर्च हुए हैं और आगे कितने होंगे, दैनिक भास्कर ने ये सवाल मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी और मंदिर बना रही कंपनी L&T के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद मेहता से पूछे। दोनों इस प्रोजेक्ट में तीन साल से काम कर रहे हैं। पढ़िए ये रिपोर्ट-

सबसे पहले बजट: 1800 करोड़ खर्च, 2000 करोड़ रुपए और लगने का अनुमान
राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी हैं। गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है।

 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मेंबर कामेश्वर चौपाल, गिरीश सहस्त्रभोजनी की बात से सहमति जताते हैं। वे कहते हैं, ‘मुख्य मंदिर में अभी पहले और दूसरे फ्लोर का काम बाकी है। इसके अलावा परकोटे में देवी-देवताओं के 6 मंदिर सहित राम के जीवन से जुड़े शबरी, निषादराज सहित 7 पात्रों के मंदिर बनाए जाने बाकी हैं।'

'पूरे परिसर, यानी 70 एकड़ की बात करें तो अभी यात्री सुविधा केंद्र के साथ-साथ म्यूजियम और ग्रीन एरिया भी बनना बाकी है। इसमें करीब 2000 करोड़ रुपए लग सकते हैं।’

मंदिर की लागत 3800 करोड़ रुपए तक जाने की वजह बताते हुए कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि क्वालिटी वर्क की वजह से एस्टिमेटेड कॉस्ट बदल जाती है। पहले मंदिर निर्माण में ग्रेनाइट पत्थर लगाने की बात नहीं थी, ग्रेनाइट पत्थर लगने से कॉस्ट बढ़ी है।

 

मंदिर के लिए 3200 करोड़ से ज्यादा दान मिला, सबसे ज्यादा मोरारी बापू ने दिया
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर के लिए अब तक 3200 करोड़ से ज्यादा का दान मिल चुका है। अब भी दान आ रहा हैा। कथावाचक मोरारी बापू ने सबसे ज्यादा 11.3 करोड़ रुपए दान किए हैं।

अब जान लीजिए मंदिर में क्या-क्या बन चुका, क्या बाकी है
22 जनवरी, 2024 तक राम मंदिर में ग्राउंड फ्लोर, प्रवेश द्वार और गर्भगृह बन गया है। ग्राउंड फ्लोर पर 5 मंडप कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, प्रार्थना मंडप और गुण मंडप हैं। गर्भ गृह के पीछे गोल परिक्रमा मार्ग है, जो सफेद मकराना मार्बल से बना है।

 

पूरा प्रोजेक्ट अगले साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा था कि पूरा मंदिर 2024 के आखिर तक बन जाएगा। उद्घाटन समारोह के अगले दिन, यानी 23 जनवरी से नई ऊर्जा के साथ मंदिर के बाकी हिस्से का काम शुरू करेंगे, ताकि 2024 में ही पूरा मंदिर बनाया जा सके।

फिलहाल, मंदिर के बाकी बचे मुख्य हिस्सों में परकोटा, सप्त ऋषि मंदिर और देवी-देवताओं के मंदिर शामिल हैं। फेज 2 में इन्हीं पर काम होना है।

कंस्ट्रक्शन का फ्यूचर प्लान बताते हुए राम मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी कहते हैं, ‘अब मंदिर के दक्षिणी हिस्से का काम होना है। कैंपस के नॉर्थ एरिया का 95% काम पूरा हो गया है।’

 

‘मंदिर में अभी जो अट्रैक्टिव पॉइंट बनाए जाने हैं, उनमें रामायण के जुड़े 7 पात्रों और परकोटे के चारों ओर बनने वाले देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इसका काम मई से नवंबर 2024 तक हो जाएगा। इसके अलावा परिसर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से पहला तैयार है। दूसरे का काम एक से दो महीने में खत्म हो जाएगा। मुख्य मंदिर के बाद पूरा परिसर दिसंबर, 2025 से पहले तैयार होने की उम्मीद है।’

3 से 4 महीने में मंदिर के सभी सिक्योरिटी चेक पॉइंट्स बन जाएंगे
आम लोगों के लिए मंदिर खुलने के बाद पहले ही दिन भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। परिसर में इतनी भीड़ पहुंच गई कि पुलिस संभाल नहीं पाई।

 

मंदिर के गर्भगृह तक मोबाइल ले जाने पर पाबंदी है, लेकिन भीड़ में सैकड़ों लोग मोबाइल लेकर अंदर चले गए।

ऐसे हालात से निपटने के लिए क्या कंस्ट्रक्शन वर्क में बदलाव हो सकता है? इस सवाल पर गिरीश कहते हैं, ‘पहले दिन ज्यादा भीड़ होने से पैनिक क्रिएट हो गया था। इससे बचने के लिए यात्री चेक पॉइंट और पिलग्रिम फैसिलिटी एरिया जल्द एक्टिव करने की तैयारी है। सुरक्षा के नजरिए से देखें तो अभी मंदिर के 90% चेक पॉइंट बन चुके हैं। बाकी 10% 3 से 4 महीने में कम्प्लीट हो जाएंगे।’

मंदिर की सिक्योरिटी SIS कंपनी के पास, मई 2022 से ही गार्ड तैनात
राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी SIS लिमिटेड कंपनी के पास है। कंपनी ने मई, 2022 में ही अपने सिक्योरिटी गार्ड मंदिर परिसर में तैनात कर दिए थे।

कंपनी के पास स्पेक्ट्रोमीटर वेवलेंथ डिटेक्शन, X-RAY मॉनिटरिंग, AI ड्रोन, बॉडी वियर कैमरा और CCTV यूनिट जैसे उपकरण हैं। मंदिर के सभी चेक पॉइंट्स बनने के बाद कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड यहां तैनात होंगे। इनका काम मंदिर की सर्विलांस मॉनिटरिंग के साथ सामान की चेकिंग और मुख्य मंदिर की सुरक्षा रहेगा। भीड़ संभालने की जिम्मेदारी UP पुलिस के पास रहेगी।

 

प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन इतनी भीड़ उमड़ी कि गेट से गर्भगृह तक जाने में 4-5 घंटे लग गए।

हैवी मशीनरी के साथ कंस्ट्रक्शन और लाखों की भीड़ कैसे मैनेज होगी?
नवंबर, 2020 से राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन से जुड़े L&T के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद मेहता कहते हैं, ‘क्राउड मैनेजमेंट के साथ-साथ मंदिर का कंस्ट्रक्शन होता रहे, इसके लिए पहले से प्लानिंग कर रखी थी। मंदिर के चारों तरफ चौकोर परकोटा है। इसके मुख्य द्वार से लोगों को 4 कतारों में एंट्री दी जा रही है, ताकि उस रास्ते पर पड़ने वाले पिलर्स पर नक्काशी का काम न रुके।’

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